स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी भाषा का योगदान
भरा नहीं जो भावों से वहती जिसमें रसधार नहीं
पशु है वह जिसमें देश प्रेम का प्यार नहीं
परम सम्मानीय नीर क्षीर निर्णायक मंडल मंच पर विराजमान समस्त विशिष्ट जन आज की प्रतियोगिता का विषय है स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी भाषा की भूमिका
जी हां यहशत प्रतिशत सही है की स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीर पराक्रमी सैनिकों ने अपने अदम्य साहस व वीरता का परिचय दिया जिसके फलस्वरूप अंततः हमें आजादी प्राप्त हुई 1ब्रिटिश शासन ने हम भारतीयों का हर प्रकार से शोषण कियाI शारीरिक ,मानसिक, आर्थिक ,समाजिक तथा आध्यात्मिक तौर पर भारतीय नागरिकों को इतना खोखला कर दिया कि हम अपनी सभ्यता एवं संस्कृति से भी विमुख होने लगे I अंग्रेजों के दमन चक्कर में विशेषकर गरीब किसान मजदूर एवं नारी वर्ग प्रभावित होने लगा I धार्मिक आस्था के प्रतीक मंदिर और मस्जिद नष्ट कर दिएगए l भारतीय जनता की दशा अपने ही देश मैं दयनीय हो गई l अंग्रेजों ने कार्यालयों के बाहर लिखवा दिया इंडियन एंड डॉग्स आर नॉट अलाउडl(Indians and dogs are not allowed.)
दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी के साथ कैसा दुर्व्यवहार किया गया, गोरे अंग्रेजों ने गांधीजी को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दियाlइस असहनीय घटना से समस्त भारतीयों का खून खोल उठाIसभी ने एक जुट होकर अमानवीय ब्रिटिश सरकार को भारतवर्ष से बाहर निकालने का संकल्प लियाlपूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक सभी ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लियाl सभी भाषाओं के एवं कवियों ने अपनी कलम की शक्ति का प्रदर्शन कियाl राष्ट्रीय भावना से प्रेरित साहित्य सृजन करके आम जन मानस को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ने का काम किया lहिंदी भाषा के कवियों ने स्वतंत्रता आंदोलन को तीव्रता प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाईl भारतेंदु हरिश्चंद्र, हजारी प्रसाद द्विवेदी, माखनलाल चतुर्वेदी, सुभद्रा कुमारी चौहान,, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, बालकृष्ण शर्मा नवीन, आदि अनेक हिंदी भाषी कवियों ने स्वतंत्रता संग्राम व राष्ट्रीय भावना को मुखरित कियाlमैथिली शरण गुप्त द्वारा रचित भारत- भारती को भला कौन भुला सकता है?देश प्रेम को जागृत करने वाली उनकी कविताएं उस समय प्रत्येक नवयुवक के दिलो-दिमाग पर छाई हुई थीl माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा देश के लिए तन मन धन यानी कि सर्वस्य न्योछावर कर देने की भावना को जागृत करने वाली हिंदी भाषा की बहुचर्चित कविता रहीlइस प्रकार हिंदी भाषा के साहित्यकारों ने स्वतंत्रता संग्राम में जुटे आंदोलनकारियों की हिम्मत और हौसले को बढ़ायाl सभी धर्मों जातियों एवं संप्रदाय के लोगों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया l यह सभी हिंदी भाषा के द्वारा मुमकिन हुआl हिंदी भाषी कवियों की कोशिशों के परिणाम स्वरूप नौजवान आजादी प्राप्त करने के लिए प्रेरित हुए और नौजवानों के संघर्ष से भारतवर्ष अंग्रेजों के हाथों से आजाद हुआ l भारत माता के पैरों में पड़ी पराधीनता की बेड़ियां नष्ट हुईl लोगों ने स्वाधीनता प्राप्त करके सुख की अनुभूति का का अनुभव किया l इस प्रकार चैंपकैश सकते हैं कि वास्तव में हिंदी भाषा ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है lअंत में मैं यही कहना चाहूंगाहिंदी भाषा पर है हमें अभिमान यही है हमारे देश की पहचानहिंदी भाषा पर हमें हैं अभिमान यही है हमारे देश की पहचानहिंदी से हिंदुस्तान हैतभी तो हिंदी हमारी शान हैl
धन्यवाद
जय हिंद ,
जय भारत l




